॥ श्री कृष्ण : ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ,
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ।
श्री यशुदा कौ परम दुलारो, बाबा की अँखियाँ कौ तारौ ,
गोपिन के प्राणन कौ प्यारौ, इन पै प्राण निछावर कीजे ।
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ।
बलदाऊ कौ छोटो भैया, कनुआ कह कह बोलत मैया ,
परम मुदित मन लेत बलिया, यह छवि नैनं में भर लीजे ।
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ।
श्री राधावर सुघर कन्हैया, बृज जन कौ नवनीत खिवैया ,
देखत ही मन लेत चुरैया, अपनौ सर्वस इन को दीजे ।
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ।
तोतर बोलत मधुर सुहावे, सखन मध्य खेलत सुख पावे ,
सोई सुकृति जो इनको ध्यावे , अब इनकू अपनौ कर लीजे ।
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ।
आरती बाल कृष्ण की कीजे, अपनौ जनम सफल कर लीजे ।
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there is a typo in line 3.
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